श्री नारायणास्त्र
ये नारायणास्त्र बहुत ही अद्भुत अस्त्र है
और इसका प्रयोग हर क्षेत्र में किया जाता है ख़ासकर जब किसी को ऊपरी बाधा से
पीड़ा हो या शत्रुभय मुकदमे आदि में इसका प्रयोग किया जाता है इसे हर
क्षेत्र में अलग अलग तरीके से प्रयोग किया जाता है अगर आपकी भी कोई
व्यक्तिगत समस्या है तो आप भी इसका प्रयोग कर सकते हैं
ॐ नमो भगवते श्रीनारायणाय नमो नारायणाय विश्वमूर्तये नमः श्री पुरुषोत्तमाय पुष्पदृष्टिं प्रत्यक्षं वा परोक्षं व अजीर्णं पंचविषू चिकां हन हन ऐकाहिकं द्वयाहिकं त्र्याहिकं चातुर्थिकं ज्वरं नाशय नाशय चतुरशितिवातानष्टादश कुष्ठान अष्टादशक्षयरोगान् हन हन सर्वदोषान भंजय भंजय तत्सर्वन्नाशाय नाशय शोषय शोषय आकर्षय आकर्षय शत्रून् मारय मारय उच्चाटयोच्चाटय विद्वेषय विद्वेषय स्तम्भय स्तम्भय निवारय विघ्नैर्हन विघ्नैर्हन दह दह मथ मथ विध्वंशय विध्वंशय चक्रं गृहीत्वा शीघ्रमागच्छ आगच्छ चक्रेण हत्वा परविद्याम् छेदय छेदय भेदय भेदय चतुःशीतानि विस्फोटय विस्फोटय अर्शवातशूल दृष्टिसर्पसिंहव्याघ्र द्विपद चतुष्पद वाह्यान्दिव मुत्यन्तरिक्षे अन्येपि केचित् तान्द्वेषकांसर्वां हन हन विद्युन्मेद्यनदी पर्वताटवी सर्वस्थान रात्रिदिनपथचौरान वशं कुरु कुरु हरिः ॐ नमो भगवते ह्रीं हुं फट् स्वाहा ठः ठं ठं ठः नमः।।